Gorakhpur : गोवर्धन पुजा और अननकूट कुछ स्थानों पर मंगलवार को मनाया गया। वही लोकमान्यता के अनुसार मंगलवार होने की वजह से कुछ स्थानों पर यह पर्व बुधवार को मनाया जायेगा। भैयादूज और चित्रगुप्त पूजा भी बुधवार को होगी।

दीपोत्स्व का अंतिम पर्व चित्रगुप्त और भैयादूज की पूजा है। बहने इस दिन भाई की लंबी उम्र के लिए व्रत रखेंगी। ज्योतिर्विद पंडित के अनुसार, इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 36 मिनट और कार्तिक शुक्ल द्वीतीय का मान दिन में 2 बजकर 4 मिनट तक है।

इसी बीच दोपहर 12 बजे से 1:30 बजे तक राहु काल लगने से यह पर्व 12 बजे के पहले मनाया जायेगा। शास्त्रों के अनुसार भैयादूज को मृत्यु के देवता यमराज का पूजन किया जाता है।

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इस दिन बहने भाई का तिलक करती है और भोजन कराती है बहन- भाई यमुना स्नान करते है। यदि यमुना स्नान न कर सके तो भी किसी पवित्र नदी में स्नान करे और यमुना जी का स्मरण ही कर ले तो भी पुण्य प्राप्त होता है।

इस त्यौहार का मुख्य उद्देश्य भाई -बहन के बीच प्रेम, स्नेह और समर्पण का पावन प्रवाह रखना है। इस दिन यमलोक में लिपिक का कार्य करने वाले देवता चित्रगुप्त का पूजन ,कलम – दवात, पंजिका का भी पूजन किया जाता है। ऐसी मान्यता है की चित्रगुप्त का अवतरण इसी दिन हुआ था।

लोक मान्यता के अनुसार, भगवन श्री कृष्ण ने इसी दिन गोवर्धन की पूजा शुरू करवाई थी। इस दिन घरो में गोवर्धन की रचना गोबर से करके ,उसकी पूजा की जाती है और भोग अर्पण किया जाता है। देश में कई जगहों पर इसी दिन नए वर्ष का आरम्भ भी माना जाता है।

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आशीष राज Purvanchal Live के फॉउन्डिंग मेंबर और डायरेक्टर है, ये पिछले 7 सालों से पत्रकारिता के छेत्र में कार्यरत हैं। मूलरूप से गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के रहने वाले आशीष इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ डिजिटल...