Ajit Doval आज किसी पहचान के मुहताज नहीं हैं, उन्हें बतौर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (National Security Advisor) हर एक नागरिक जानता है। लेकिन अजित के बारे में कई और भी दिलचस्प किस्से हैं, जिन्हें आप सभी को जानना चाहिए। ये किस्से आपको हैरान करने के साथ ही काफी प्रेरित भी करेंगे। तो आइए 75वें स्वतंत्रता दिवस पर जानते हैं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से जुड़ी कुछ अनकही और खुफिया बातें।

अजित डोभाल से जुड़े किस्से जानने से पहले हम उनके जन्म स्थल और पढ़ाई पर एक नजर डाल लेते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में 20 जनवरी, 1945 को हुआ था। डोभाल ने अजमेर मिलिट्री स्कूल से पढ़ाई के बाद आगरा यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली। अजित पढ़ने में काफी अव्वल थे। वहीं, 1968 केरल बैच के आईपीएस (IPS) अफसर साल 1972 में इंटेलीजेंस ब्यूरो से जुड़ गएं और पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। अजित अबतक कई खुफिया ऑपरेशंस का हिस्सा बन चुके हैं।

अजित डोभाल से जुड़ी सबसे दिलचस्प और हैरान करने वाली जानकारी ये है कि वो पाकिस्तान में कईसालों तक अंडरकवर एजेंट (खुफिया जासूस) रह चुके हैं। उन्होंने एक इंटेलिजेंस से रिटायर होने के बाद एक समारोह में खुद ये किस्सा सुनाया था। अजित के मुताबिक, जब वो पाकिस्तान में अपने खुफिया मिशन पर थें, तो उन्हें एक शख्स ने पहचान लिया था। क्योंकि उस दौरान अजित के कान छिदे हुए थे।

फिर क्या था, वो शख्स अजित को एक कमरे में ले गया, लेकिन उन्होंने भी बिना डरे उसका सामना किया। अजित ने आगे बताया कि, शख्स उन्हें कमरे में ले जाकर सवाल-जवाब कर रह था, लेकिन बाद में खुद ही खुलासा कर दिया कि वो खुद एक हिंदू था। साथ ही उसने अजित दोभाल को सर्जरी कराकर कान का छेड़ बंद करवाने की सलाह दी थी।

अजित डोभाल के निर्देशन में कई बड़े अभियानों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। इसमें उरी अटैक के बाद भारत की तरफ से पाकिस्तान पर किया गया सर्जिकल स्ट्राइक भी शामिल है। वहीं, म्यांमार पर भी भारत ने एक सर्जिकल स्ट्राइक की थी, जिसको अंजाम अजित डोभाल ने ही दिया था। साथ ही भारत की तरफ से कश्मीर से आंतकवाद का सफाया करने के लिए कई अभियान अजित डोभाल की तरफ से चलाए जा चुके हैं।

अपने इन्हीं योगदानों की वजह से अजित डोभाल देश के इकलौते ऐसे पुलिस अधिकारी हैं जिन्हें सेना के अधिकारी को दिए जाने वाले अवॉर्ड कीर्ति चक्र से नवाजा गया है। अजित डोभाल के जज्बे का ही नतीजा है कि उन्होंने आज तक देश के लिए कई बड़ा काम किया है, साथ ही ये सेवा निरंतर जारी है।

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आशीष राज Purvanchal Live के फॉउन्डिंग मेंबर और डायरेक्टर है, ये पिछले 7 सालों से पत्रकारिता के छेत्र में कार्यरत हैं। मूलरूप से गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के रहने वाले आशीष इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ डिजिटल...