Gorakhpur News: गोरखपुर के चिल्लुपार से पूर्व विधायक पंडित विनय शंकर तिवारी के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने उनकी 73 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। ये कार्यवाही प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की गई है। बताया जा रहा है की विनय शंकर तिवारी ने अपनी कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज के नाम पर बैंकों से लोन लेकर उसे नहीं चुकाया है।

जानकारी के मुताबिक विनय शंकर तिवारी ने सात बैंकों से कुल 1129.44 करोड़ रुपये हड़पे हैं, मामला सामने आने के बाद बैंकों ने CBI में रिपोर्ट दर्ज कराया था, जिसके बाद ED ने गंगोत्री इंटरप्राइजेज के सभी बोर्ड मेंबर्स, गारंटर और प्रमोटर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करते हुए अपनी जांच शुरू की और अब गंगोत्री इंटरप्राइजेज से जुडी 73 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है।

बैंक ऑफ़ इंडिया के नेतृत्व वाले सात बैंकों के समूह से 1129.44 करोड़ रुपये का क्रेडिट लेने के बाद इसे अन्य कंपनियों को डाइवर्ट कर दिया गया, जिसके कारण बैंकों को करीब 754.24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, ED की ओर से अभी इस मामले की गहन जांच की जा रही है।

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बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा विनय शंकर तिवारी उनकी पत्नी रीता तिवारी और एक अन्य अजित पांडेय पर 19 अक्टूबर 2020 को दिल्ली में FIR दर्ज करवाई गई थी। जिसमें बताया गया था की बैंक की ओर से दिए गए लोन में धोखाधड़ी हुई है।

पूर्वांचल के कद्द्वार नेता माने जाने वाले पूर्व मंत्री स्व: हरिशंकर तिवारी के पुत्र विनय शंकर तिवारी खुद गोरखपुर की चिल्लुपार विधानसभा सीट से 2017 में विधायक चुने गए था। इससे पहले खुद स्व: हरिशंकर तिवारी लगातार 22 साल तक इस सीट से विधायक चुने गए थे।

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