“लालच में कुछ कमी रह गई हो तो_बता देना दिल आज भी हाजिर है बिना पढ़ाए वेतन लेने के लिए” इसे शायरी कहे या व्यंग्य ये आपके ऊपर है। लेकिन ये बिल्कुल सटीक बैठता है बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर जी पर, अब आप सोच रहे होंगे की आखिर ऐसा क्या हो गया की ये लिखने की जरूरत पड़ गई। तो जनाब मंत्री और विधायक से पहले चंद्रशेखर जी बिहार के राम लखन सिंह यादव कॉलेज में प्रोफेसर थे और वर्तमान समय में भी हैं। लेकिन साहब ने विधायक बनने के बाद कॉलेज का गेट भी नहीं देखा हैं।

कब बने थे प्रोफेसर

सन् 1985 8 अक्टूबर ये वो दिन था जब चंद्रशेखर पहली बार राम लखन सिंह यादव कॉलेज में बतौर प्रोफेसर पढ़ाने के लिए आए थे। लगातार 25 सालों तक पढ़ाया भी लेकिन कहते है न की सत्ता का नशा बहुत ही खराब होता हैं। 2010 में पहली बार विधायक बनने के बाद फिर कभी कॉलेज नहीं आए। अब आप ये सोच रहें होगें की भाई टाइम नहीं मिला होगा तो नहीं। जनता ने चुन कर भेजा है तो जनता की सेवा भी तो करनी है। लकिन ठहरिए, आप कुछ हद तक सहीं है लेकिन पूरा नहीं।

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दरअसल 25 सालों तक तो इन्होनें पढ़ाया जिसका वेतन भी इनको मिला, लेकिन नेता बनने के बाद बिना पढ़ाए बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर जी अभी भी प्रोफेसर का वेतन ले रहे है। आपको बता दें की साल 2026 में चंद्रशेखर प्रोफेसर के पद से रिटायर होने वाले है। साल 2010 से ही वो मघेपुरा सदर सीट से विधायक है।

वहीं आपको बता दें की सैलरी जारी करने का निर्देश विभाग के तरफ से आया है। जिस विभाग के मंत्री ये साहब खुद है। चंद्रशेखर हमेशा से ही सुर्खियों में रहते है इससे पहले भी रामचरितमानस को लेकर भी मंत्री पर गाज गिरी थी। जिसके बाद अन्य राज्यों में भी चंद्रशेखर का विरोध हुआ था। फिलहाल मंत्री जी दोनों जगहों से वेतन उठा रहें हैं।

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मीडिया के क्षेत्र में 2 साल का अनुभव है। समाचार नगरी से करियर की शुरुआत करते हुए बतौर फैक्टचेकर और कंटेंट राइटर के रूप में काम किया, जहां इन्हें 18 महीनों का अनुभव मिला। इसके बाद अलग-अलग पोर्टल पर...